अगस्त 16, 2011

हस्ता-ला-विक्तोरिया-सियाम्प्रे

 ये मेरा देश है,यहाँ 
कुछ भी अचानक नहीं होता...
न तो सोने की चिड़िया अचानक फुर्र हो जाती है,
न तो विश्वगुरु अचानक अंतर्ध्यान हो जाते हैं,
बस कुछ ही चीज़ें हैं, जो अचानक हो जाती हैं...
अचानक हम गुलाम बन जाते हैं,
अचानक पड़ोसी की भैंस यहाँ ब्याने आ जाती है,
और,
अचानक ही उसके पीछे लाठी भी चली आती है,
बाकीं तो यहाँ कुछ भी अचानक नहीं होता,
बस थोड़ा कुछ है जो अचानक ही हो जाता है,
                  हस्ता-ला-विक्तोरिया-सियाम्प्रे